राम राम जी ... कितना अजीब सा माहौल है आजकल.... अगर सरकार की गलत नीतियाँ व नाकामी पर कुछ बोल दो या लिख दो न जाने क्या क्या गाली गलौज व देशद्रोही या किसी दल का समर्थक सुनने को मिलेगा..
व्यक्तिवादी राजनीति ने कहीं आम आदमी यानि सामान्य नागरिक की अभिव्यक्त की आज़ादी तो नही छिन ली है ! मौजूदा सरकार या किसी सरकारी व ग़ैर सरकारी सिस्टम के ख़िलाफ़ लिखना हमेशा से जनहित मे रहा है क्योंकि एहसास कराने से ही आभास होता है ..
कुछ मित्र कहते है कि कांग्रेस ने ये लूटा वो लूटा , हुडा ने लूटा तब नही बोले आज बड़े लिखते हो.. जरूरी नही कि तब नही लिखा या बोला तो आज भी सहते रहे ..
मित्रों गलत को गलत कहना सीखिए वरना थूक कर तो चाटती गंदी मानसिकता वाले नेताऔ की सरकारें भी है चाहे किसी की भी हो .. मौजूदा सरकार को ही ले लो .. कल तक एफ़डीआई के विरोध मे पूरा भारत बंदलकरके देश का जनजीवन ठप्प करने वाली बीजेपी आज सता मे आने मे आने पर शत प्रतिशत की मंज़ूरी दे रही है . यही बीजेपी जो धारा 370 कश्मीर से हटाने का नारा देकर सता मे आयी आज ख़ामोश है और उसी ख़ामोशी ने एक और कश्मीर (नागालैंड) को अलग पासपोर्ट व अलग झंडे को मंज़ूरी दे दी ...
सबसे अहम बात ये है कि ये सब कल तक बहुत गलत था आज अचानक सही हो गया और मंज़ूरी दे दी आखिर कयू ? कया हम साधारण अभिव्यक्ति वाले इनके मनसूबे समझ पायेंगे या यूँही फ़ेसबुक टवीटर करते रह जायेंगे ? लगता तो ऐसा ही है कयोकि इतना सब गलत हो रहा है और लोग चुप है सिर्फ़ इसलिए कि आप ने या हमने उनको समर्थन दिया है ..
फिर बात वही आ जाती है कि अगर हम नागरिक होने का फ़र्ज़ न निभाकर यूँही चुप्पी साधे रहे तो जो देश का अनहित पहले होता आया है वैसे ही होगा व समझ होते हुये भी असक्षम देश बन जायेगा ...
दोस्ते यू आपस मे छीटंकसी बंद करके हर उस नेता या सरकार को घेरे जिसकी हमारे व देश के निर्माण मे जवाबदेही है ..
सब सरकारें या नेता हज़ारों लाखों करोड विज्ञापनों व योगा डे पर ख़र्च देती है जबकि दूसरी तरफ़ देश का किसान सिर्फ़ सैकड़े रूपयों के क़र्ज़ न चुकाने पर जान दे रहा है ..तो आप ही फ़ैसला करे कि जिसको वोट दिया उसकी गलत नीतियों पर चुप्पी साधकर देश के विनाश मे योगदान देंगे या भारत माँ के उन सच्चे सैनिकों की शहादत को याद करके हर गलत के ख़िलाफ़ आवाज़ बुलंद करके देश के इन आंतरिक दुश्मनों को ख़त्म करोगे .. फ़ैसला आपका है सरकार तो आज ये है कल कोई और आयेगी रहेगा तो सिर्फ़ सामान्य आदमी वैसे ही .. दाल चीनी व अन्य चीज़ों का बढ़ती धटता मूल्य सिर्फ़ उसे ही प्रभावित करता है न कि किसी नेता विशेष को ...
Delhi sarkar ke bare me kya khayal hai bhai ka ??
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